राई: शुक्रवार जून 15, 2018। एस आर एम विश्वविद्यालय, दिल्ली- एनसीआर और भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आज विश्वविद्यालय परिसर में 15 दिवसीय 'ऋषि' (रीजनल इन्नोवेशन हब फॉर इन्नोवेटर्स) प्रोग्राम का भव्य शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. पी प्रकाश, दिल्ली विश्वविद्यालय से पधारे मुख्य अतिथि प्रो. अशोक कुमार प्रसाद, सी4डी के निदेशक एवं डीन-एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सैमुअल राज, परीक्षा नियंत्रक श्री विक्रम बरारा एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ अजीत कुमार के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
कार्यक्रम संयोजक डॉ अजीत कुमार ने सभी अतिथियों, प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विज्ञान और तकनीक के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नवोन्मेषी विचारों से परिचित कराने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। ऐसे प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं भविष्य में ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम पूर्ण आवासीय है और यह 15 जून से प्रारम्भ होकर 29 जून 2018 तक चलेगा।
अपने 'परिचयात्मक वक्तव्य' में सी4डी के निदेशक एवं डीन-एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सैमुअल राज ने इस कार्यक्रम में आमंत्रित सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ दी और कहा कि सभी चयनित छात्र-छात्राएं नवोन्मेष की तकनीक और शोध की बारीकियों को समझ सकेंगे और देश-दुनिया में हो रहे नित्य-नूतन प्रयोगों से अवगत भी हो सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ऋषि यानी 'रीजनल इन्नोवेशन हब फॉर इन्नोवेटर्स' प्रोग्राम में आस-पास के कई जनपदों में स्थित विद्यालयों से चयनित युवा छात्र- छात्राएं (कक्षा 10, 11, 12) सहभागिता करते हैं। वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से इन्नोवेशन (नवोन्मेष) के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं और अपने नवोन्मेषी विचारों को विषय विशेषज्ञों के समक्ष रखने का सुअवसर प्राप्त करते हैं।
अपने स्वागत वक्तव्य में माननीय कुलपति जी डॉ. पी प्रकाश ने कहा कि ऋषि कार्यशाला के माध्यम से युवा/किशोर छात्र-छात्राएं नवोन्मेषी साहित्य और ज्ञान से रूबरू हो सकेंगे और निश्चय ही ईमानदारी, सच्चाई एवं साझेदारी की भावना से लबरेज हो अपने राष्ट्र को गौरवान्वित कर सकेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय से पधारे प्रोफेसर (डॉ) अशोक कुमार प्रसाद ने अपने वक्तव्य में कहा कि इन्नोवेशन (नवोन्मेष) शब्द व्यापक अर्थ रखता है इस शब्द का आशय यह है कि हम ऐसे तरीकों को जीवन में अपनाएं, जिनसे कुछ नया , अच्छा और उपयोगी साधन तैयार किए जा सकें। यदि ऐसा हम कर पाते हैं तो उद्योग, व्यवसाय एवं रोजगार को विकसित किया जा सकता है और इससे हमारा जीवन स्तर भी सुधरेगा। धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक श्री विक्रम बरारा जी ने किया।
मीडिया प्रभारी- डॉ अवनीश सिंह चौहान