दिल्ली : रविवार, 15 अक्टूबर 2017, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव- 'Rendezvous 2017' के अन्तर्गत देशभर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आमंत्रित छात्र-छात्राओं ने 'युवा काव्य प्रतियोगिता' में भाग लिया। संस्थान के लेक्चर थिएटर में आयोजित इस मनमोहक कार्यक्रम का शुभारम्भ साहित्यकार एवं सम्पादक अवनीश सिंह चौहान एवं युवा कवि आनंद राज द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
चार दिवसीय इस कार्यक्रम में लगभग 30 समितियों के माध्यम से प्रतिभागी अलग-अलग विधाओं में अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। हिन्दी समिति और मातृभाषा परिवार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'युवा काव्य प्रतियोगिता' में देशभर के शिक्षण संस्थानों के 204 युवा कवियों ने अपनी स्व-रचित रचनाओं के माध्यम से भाग लिया और उनमें से फाइनल राउंड के लगभग 20 छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों का मूल्यांकन करने के लिए अवनीश सिंह चौहान और आनंद राज को बतौर जज आमंत्रित किया गया।
फाइनल राउंड में पुष्पेंद्र भदौरिया, अविनेश सिंह, शुभम द्विवेदी, काजल, निशा शर्मा, अमन गुप्ता, ओंकार सिंह राठौर, सुधान सिंह, श्री हर्ष, नितिन शर्मा, पंकज नारायण, शिवत्म श्रीमाली, आलोक त्रिपाठी, सुधांशु कुमार, दिव्यांशु त्रिपाठी आदि ने मंच पर अपने बेहतरीन अंदाज़ में रचनापाठ किया किया। तदुपरांत प्रतियोगिता में शामिल रचनाओं के कथ्य एवं उनके प्रस्तुतीकरण के आधार पर निर्णायक मंडल के सम्मानित सदस्यों- अवनीश सिंह चौहान और आनंद राज ने अपना निर्णय सुनाया, जिसमें प्रथम और तृतीय पुरस्कार सुधान सिंह एवं ओंकार सिंह राठौर को (गीत विधा में) एवं द्वितीय पुरस्कार सुधांशु कुमार को (नयी कविता में) प्रदान किया गया।
इस अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत कविताओं का गंभीर विश्लेषण करते हुए मुख्य वक्ता अवनीश सिंह चौहान ने श्रोताओं का मन मोह लिया। युवा रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए उन्होंने कहा कि युवा रचनाकार अपनी नयी सोच के साथ काव्य जगत में कदम रख रहे हैं, जोकि स्वागत योग्य है। इस अवसर पर उन्होंने अपने दो गीत भी प्रस्तुत किये। आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए युवा कवि आनंद राज ने कहा कि तकनीकी संस्थान में कविता पर आयोजन करना एक अच्छी पहल कही जा सकती है। मातृभाषा पत्रिका के संचालक-सम्पादक नवनीत पाण्डेय ने प्रतिभागियों को साधुवाद दिया और कहा कि इस वैज्ञानिक युग में साहित्य से जुड़कर यदि आज के युवा कार्य करेंगे तो उनके कार्य समाज के हित में ही होंगे। मातृभाषा परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य प्रशांत द्विवेदी ने कहा कि हमारे छात्र कविता के माध्यम से न केवल जीवन के रस को जानेंगे, बल्कि समाज को भी राह दिखाने का कार्य करेंगे।
इस अवसर पर आई आई टी, दिल्ली सहित देश के अन्य संस्थानों से पधारे छात्र-छात्राओं ने रचनापाठ और उस पर दिए गए वक्तव्य का भरपूर आनंद लिया और अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत-सत्कार किया। संस्थान के विद्वान् प्रोफेसर ज्योति कुमार, प्रोफेसर सम्राट मुखोपाध्याय, ऋषभ नागपाल एवं हिन्दी समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर एच के मालिक के सान्निध्य में कार्यक्रम का विधिवत प्रबंधन एवं संयोजन भाई नवनीत पांडेय एवं निखिल चौहान (आईआईटी, दिल्ली) ने संयुक्त रूप से किया। प्रभात कुमार ने इस कार्यक्रम की सुंदर फोटोग्राफी की, जबकि सफल संचालन संस्थान के युवा छात्र वैभव वर्मा ने किया।