नवगीत को साहित्यिक परिदृश्य में मुखरता से स्थापित करने में जिनकी महती भूमिका है आज उन्ही पूर्णिमा वर्मन जी का जन्मदिवस है. ईश्वर से प्रार्थना है कि पूर्णिमा जी स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों. नवगीत विधा के लिए आपका समर्पण और सहयोग अद्वितीय है.
- अवनीश सिंह चौहान
5493 Views
Comments
()
Add new commentAdd new reply
Cancel
Send reply
Send comment
Load more